भारत के कितने राज्यों में हैं विधान परिषद, जानें

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र यानि जहां जनता द्वारा सरकार का चयन किया जाता है। भारत की राजनीतिक व्यवस्था में जिस प्रकार केंद्र में राज्यसभा और लोकसभा का महत्वपूर्ण किरदार है।

इसी प्रकार राज्य स्तर पर विधानसभा और विधानपरिषद का रोल होता है। आपने विधानसभा वाले राज्यों के बारे में सुना ही होगा, जो कि अमूमन हर राज्य में है। हालांकि, क्या आपको भारत के ऐसे राज्यों के नाम पता है, जहां पर विधान परिषद भी है। इस लेख के माध्यम से हम भारत के विधान परिषद वाले राज्यों के बारे में जानेंगे।  

क्या होती है विधान परिषद

सबसे पहले हम विधान परिषद के बारे में जान लेते हैं। Legislative Council, जिसे विधान परिषद के नाम से भी जाना जाता है, राज्य विधानमंडल का एक स्थायी निकाय होती है। यह राज्य स्तर पर वैसे ही संचालित होती है, जैसे राज्यसभा केंद्र में कार्य करती है।  

क्या है विधायिका प्रणाली

भारत में विधायिका की द्विसदनीय प्रणाली है। संघ स्तर पर लोकसभा और राज्यसभा की तरह राज्यों में भी विधान सभा और विधान परिषद नाम के दो सदन हो सकते हैं।

कितने राज्यों में हैं विधान परिषद

वर्तमान में भारत के छह राज्यों में विधान परिषद है। ये हैं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक।

पहले जम्मू-कश्मीर राज्य सहित सात राज्य थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 के माध्यम से इसे समाप्त कर दिया गया, जिससे राज्य का दर्जा बदलकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हो गए।

किस राज्य में हैं सबसे अधिक विधान परिषद सदस्य

आपको बता दें कि भारत का एकमात्र उत्तर प्रदेश राज्य है, जिसमें सबसे अधिक 75 जिले हैं। इसके साथ ही यह एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर सबसे अधिक विधान परिषद के सदस्य हैं, जिनकी कुल संख्या 100 है। यहां पर कुल विधायकों की संख्या 403 है।

 

सभी राज्यों में विधान परिषद और उसके सदस्य 

राज्य

निर्वाचित सदस्य

मनोनीत सदस्य

कुल सदस्य

आंध्र प्रदेश विधान परिषद

50

8

58

बिहार विधान परिषद

63

12

75

कर्नाटक विधान परिषद

64

11

75

महाराष्ट्र विधान परिषद

66

12

78

तेलंगाना विधान परिषद

34

6

40

उत्तर प्रदेश विधान परिषद

90

10

100

 

विधान परिषद वाले राज्यों की सूची

 

Jagranjosh

आंध्र प्रदेश विधान परिषद 

-इसका गठन दो चरणों में हुआ था। पहली विधान परिषद 1958 से 1985 तक अस्तित्व में रही।

-अगला चरण 2007 से था और अब तक सक्रिय है।

-1980 के दशक में आंध्र प्रदेश उच्च सदनों को समाप्त करने की मांग करने वाले पहले राज्यों में से एक बन गया था।

-5 दिसंबर 1956 को आंध्र प्रदेश विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें उच्च सदन, विधान परिषद के निर्माण का आह्वान किया गया।

बिहार विधान सभा

-बिहार विधान परिषद का गठन 1912 में विभिन्न श्रेणियों के कुल 43 सदस्यों के साथ किया गया था।

-1920 में भारत सरकार अधिनियम 1919 के अनुसार, बिहार और उड़ीसा को गवर्नर प्रांत घोषित किया गया था।

-इसके एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक दूसरे वर्ष की समाप्ति पर सेवानिवृत्त हो जाते हैं।

कर्नाटक विधान परिषद

-कर्नाटक विधान परिषद एक स्थायी निकाय है।

-इसमें 75 सदस्य शामिल हैं।

-इसकी स्थापना 1907 में मैसूर विधान परिषद के रूप में की गई थी।

-अतिरिक्त सदस्यों की न्यूनतम और अधिकतम संख्या क्रमशः 15 से बढ़ाकर 21 कर दी गई थी।

-यह एक स्थायी निकाय है, जिसके एक तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त हो जाते हैं।

महाराष्ट्र विधान परिषद

-विधान परिषद राजधानी मुंबई में दक्षिण मुंबई के नरीमन पॉइंट इलाके में स्थित है।

– दिलचस्प बात यह है कि बजट और मानसून सत्र मुंबई में और शीतकालीन सत्र नागपुर में बुलाया जाता है।

तेलंगाना विधान परिषद

-तेलंगाना विधान परिषद राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित है।

-इसमें 40 सदस्य हैं।

-विधान परिषद जून 2014 से अस्तित्व में है और इसका गठन आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद किया गया था।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद

-उत्तर प्रदेश की विधान परिषद सबसे बड़ी है।

– यह एक स्थायी सदन है, जिसमें 100 सदस्य होते हैं।

– यह 1935 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा अस्तित्व में आई।

-विधान परिषद की पहली बैठक 29 जुलाई 1937 को हुई थी।

आपको बता दें कि परिषद को तब बनाया या समाप्त किया जा सकता है, जब राज्य की विधानसभा राज्य विधानसभा में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से एक प्रस्ताव पारित हो। बाद में संसद से विधान परिषद बनाने या समाप्त करने का अनुरोध किया जाता है।

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Source: newstars.edu.vn

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